आइए हम सब जाने भगवान श्री ऋषि दुर्वासा जी के बारे में….

WhatsApp Join Whats App Channel

 हिन्दू पुराणों के अनुसार ऋषि दुर्वासा, जिन्हें दुर्वासस भी कहते है, एक महान ऋषि हुआ करते थे. पुराणों में ऋषि दुर्वासा का नाम मुख्य ऋषि मुनियों के साथ लिया जाता है. ऋषि दुर्वासा को युगों युगों तक याद किया गया है, ये महान ऋषि ने सतयुग, द्वापर और त्रेता युग में भी मानव जाति को ज्ञान की शिक्षा दी है. ऋषि दुर्वासा शिव जी का रूप माने जाते है, वे खुद भी शिव जी के बहुत बड़े भक्त थे. ऋषि दुर्वासा अत्याधिक गुस्से वाले थे, जिस तरह शिव जी का गुस्सा जल्दी शांत नहीं होता था, उसी तरह इनका भी गुस्सा बहुत खतरनाक था. ऋषि दुर्वासा को देवी देवता एवं समस्त मानव जाति द्वारा बहुत सम्मान प्राप्त था, वे जहाँ जाते थे उनको सम्मान मिलता था.

ऋषि दुर्वासा शिव के पुत्र थे, लेकिन उनसे बिलकुल अलग थे. भगवान् शिव को मनाना जितना आसान था, ऋषि दुर्वासा को मनाना, प्रसन्न करना उतना ही मुश्किल काम था. लेकिन दोनों का गुस्सा एक समान था. ऋषि दुर्वासा का क्रोध इतना तेज था, जो कई बार उनके लिए भी घातक हो जाता था. क्रोध के चलते दुर्वासा किसी भी को  दंड, श्राप दे दिया करते थे, उनके क्रोध से राजा, देवी-देवता, दैत्य, असुर कोई भी अछुता नहीं था.

महर्षि दुर्वासा के जीवन से जुड़ी कथाएं….

महर्षि दुर्वासा भारतीय पौराणिक कथाओं में एक प्रमुख ऋषि हैं, जिनका नाम कई महत्वपूर्ण कथाओं में प्रमुख भूमिका निभाता है। उनमें से कुछ मुख्य कथाएं निम्नलिखित हैं:

  1. दुर्वासा की शापदानी: महर्षि दुर्वासा को उनके अत्यंत उदार और खुशमिजाज स्वभाव के बावजूद उनका क्रोध भी बहुत अधिक था। उनके क्रोध का परिणाम होता था कि वे शीघ्र ही किसी को शाप देते थे, और यह शाप बहुत अधिक प्रभावकारी होते थे।
  2. दुर्वासा और अम्बरीष महाराज: दुर्वासा महर्षि और राजा अम्बरीष के बीच एक प्रसिद्ध कथा है। दुर्वासा ने अम्बरीष महाराज के यज्ञ में भोजन करने के लिए आमंत्रित किया, लेकिन उनके विशेष आदरणीय रूप से द्वादशी व्रत के पश्चात्तप का समय आ गया। यह उन्हें एक तिथि पर भोजन करने से रोक देता है। इसके परिणामस्वरूप, अम्बरीष महाराज ने दुर्वासा के ख्रोध का सामना किया और भगवान विष्णु की सर्वोत्तम कथा की ओर लौट गए।
  3. दुर्वासा की मृत्यु और विश्वकर्मा का अहंकार: एक और कथा में महर्षि दुर्वासा का आध्यात्मिक शक्तियों से विश्वकर्मा का अहंकार और गर्व को समाप्त करने का उपयोग किया जाता है। दुर्वासा ने विश्वकर्मा के आत्मा को उसके शरीर से बाहर कर दिया, जिससे विश्वकर्मा अपने गर्व में थम गए और हमेशा के लिए विमुग्ध हो गए।
  4. दुर्वासा और कुण्डलीका: कुण्डलीका एक पुराणिक कथा में दुर्वासा महर्षि के साथ जुड़ती है। कुण्डलीका का शरीर बहुत ही दुर्बल था, और वह दुर्वासा महर्षि की आराधना करने लगी। दुर्वासा महर्षि ने उसकी आराधना का परिणामस्वरूप कुण्डलीका को एक सुंदर शरीर और आकर्षकता दी।

महर्षि दुर्वासा के कथाओं के माध्यम से हमें आध्यात्मिक सिखने के लिए अनेक मूल्यवान शिक्षाएं मिलती हैं, जैसे कि सदय क्रोध से बचना, आदरणीय और धर्मिक आचरण का महत्व, और कर्मों के परिणाम का सामयिक महत्व।

कहा है दुर्वाषा धाम ?

दुर्वाषा ऋषि आश्रम, प्रयागराज शहर से 21 किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव ककरा दुबावल पर स्थित है, जो मां गंगा के किनारे बसा हुआ है, इसी जगह हर सावन मास में महीना भर मेला लगता है, जिसमें अधिक संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। और हर साल धुमधाम से दुर्वाषा ऋषि जयंती मनाई जाती है जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु साधु संत आते हैं | गांव के लोग इस दिन प्रभु श्री दुर्वाशा ऋषि के लिए 56 भोग तैयार करते हैं जो प्रसाद के रूप में सभी भक्तों को दिया जाता है |

कुछ तसवीरें इस धाम की जो हम आपस में शेयर करते हैं…..

ये भी देखिये :-भगवान श्री परशुराम का जन्म और जीवन

Shaurya Singh

I am a writer and content creator with a passion for exploring ideas that inform, inspire, and engage readers. With experience spanning news, travel, technology, social issues, and Trending Topics. I am brings clarity and creativity to every piece of content. Shaurya also loves to explore local cities, uncovering unique stories, cultures, and experiences that often go untold. Whether simplifying complex topics or highlighting hidden gems, his writing is grounded in research, relevance, and a reader-first approach. When he's not writing, he's either on the road discovering new places or working on digital projects that aim to make information more accessible to everyone.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Hidden Gems of Uttarakhand: A Visual Journey Uttarakhand’s Secret Festivals: A Cultural Odyssey Uttarakhand’s Glorious Panch Kedar: Temples of Eternal Grace 5 Most Disappointing Mobile games of 2024 Appreciation Quotes . “The Power of Knowledge: Unlocking Your Potential Through Education” Simple ways to brighten someone’s day. 7 Essential Tips For Effective Reading. सर्दियों में उत्तराखंड के ये 5 शानदार बर्फ से भरे ट्रेक्स सभी को एक बार जरूर करने चाहिए (Best Winter Treks Of Uttarakhand) 5 One Pot Vegetarian Meals