AMCA-भारत का सबसे ताक़तवर लड़ाकू विमान
क्या है AMCA ?
एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट(AMCA) को बनाने की योजना 2007 में बनाई गई, जिसके तहत भारत और रूस मिलकर एक पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान बनाएंगे। जिसे फागफा (FGFA) नाम दिया गया, परंतु भारत व रूस के बीच तकनीकी आधार पर समझौता न होने के कारण यह परियोजना 2018 में रद्द हो गई। अंत में भारत ने स्वदेशी रूप से ही इस विमान को बनाने का फैसला लिया।
एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) ने इसका डिजाइन और कई टेक्नोलॉजी भारत में बना ली है। AMCA का बड़ी संख्या में उत्पादन हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (HAL) करेगा। मार्च 2024 को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने इस परियोजना के लिए 15,000 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए हैं, जिसके तहत तीन सालों में विमान का पहला प्रोटोटाइप वा 2028 तक पांच प्रोटोटाइप बनाए जाएंगे।भारत का लक्ष्य है कि 2032 तक इसे भारतीय वायु सोमवार सेना में शामिल किया जाए।
क्यों खास है AMCA?
AMCA भारत का पहला पांचवीं पीढ़ी का विमान होगा। भारत, अमेरिका, रूस और चीन के बाद पांचवीं पीढ़ी का विमान बनाने वाला विश्व का चौथा देश होगा।
AMCA स्टेल्थ विमान होगा जो दुश्मन के रडार में नजर नहीं आएगा। इसका वजन 25 टन होगा तथा या अपने अंदर चार टन ईंधन ले जा सकेगा, जिसमें हथियारों को रखने के लिए विमान के अंदर ही स्थान होगा। अर्थात इसमें। बाहर हथियार नहीं लटके होंगे ।इसमें प्रारंभ की दो स्क्वाड्रन में जनरल इलेक्ट्रिक के F414 इंजन लगे होंगे, जो प्रत्येक इंजन 98 किलो न्यूटन की अधिकतम थ्रस्ट उत्पन्न करेगा। बाद में AMCA में भारत का स्वदेशी तौर पर निर्मित काबेरी इंजनों का प्रयोग किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक इंजन 100 किलो न्यूटनकी अधिकतम थ्रस्ट उत्पन्न करेगा। कावेरी इंजन के विकास के लिए भारत अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से बात कर रहा है।जिसमें अमेरिका की जनरल इलेक्ट्रिक, फ्रांस की सैफ्रन, व ब्रिटेन की रोज़ रोए शामिल हैं। एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी विमान का एक ऐसा वेरिएंट बनाना चाहती है, जिसे उड़ाने के लिए पायलट की आवश्यकता न हो अर्थात पायलटलेस हो।
AMCA के उपयोग
AMCA का उपयोग भारतीय वायुसेना दुश्मन के आंतरिक ठिकानों और रडार स्टेशनों और टैंकों को ध्वस्त करने में करेंगी क्योंकि यह विमान दुश्मन के रडार को चकमा देकर दुश्मन को नेस्तनाबूद करेगा। इसमें भारत की स्वदेशी हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल अस्त्र MK2, ब्रह्मोस , एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम तथा गाइड अनगाइडेड बम दाग सकेगा। भारतीय वायुसेना का लक्ष्य लगभग 150 से 200 विमान अपनी सेना में शामिल करना है।