ChatGPT से भी दोगुना एडवांस है ये नया AI प्रोग्राम, क्या इंसानियत के लिए बनेगा खतरा?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जानकार लोगों के बीच कई बहसें OpenAI के परियोजना Q* को लेकर चल रही हैं। ChatGPT को भी अपकमिंग AI प्रोग्राम पीछे छोड़ सकता है। अब देखते हैं कि इस नए प्रोग्राम को लेकर विश्व भर के AI विशेषज्ञों की क्या राय है।
ChatGPT Artificial Intelligence (AI) का एक नाम है। OpenAI, एक अमेरिकी AI रिसर्च फर्म, ने पिछले साल चैटजीपीटी की घोषणा करके वैज्ञानिकों को चौंका दिया था। यह चैटबॉट आपके सवालों का इंसानों की तरह जवाब देता है। इसकी क्षमता ने टेक्नोलॉजी क्षेत्र को उत्साहित कर दिया है। OpenAI एक नए AI प्लेटफॉर्म, Project Q*, विकसित कर रहा है, जो जल्द ही हमारे बीच एक और टेंशन पैदा कर सकता है।
AI to AGI
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, प्रोजक्ट Q* मैथ्स की सरल समस्याओं को आसानी से हल करेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह उस डेटा को हल करेगा जो इसे बनाने में नहीं मिला है। यह आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) की ओर ले जाता है, जो कृत्रिम बुद्धि को इंसानी दिमाग की तरह इंटेलेक्चुअल काम करने की क्षमता देता है।
Project Q* की काबिलियत या खतरे? जानिये…
- माना जाता है कि ये लॉजिकल रीजनिंग और एब्सट्रेक्ट कॉन्सेप्ट भी समझ सकेंगे। ऐसा करने की क्षमता अभी तक किसी भी AI मॉडल में नहीं है।
- यह गहराई से चीजों को समझने की क्षमता बढ़ा सकता है। ऐसी संभावना है कि ये न केवल डेटा से सीखेंगे बल्कि लोगों की तरह सोचेंगे।
- Project Qustar की क्षमता इसे AGI में बदल सकती है। इसका अर्थ है कि ये इंसानी दिमाग की तरह समझेगा, सीखेगा।
दुनिया को खतरा? Project Q*
AI कम्यूनिटी इन सभी खतरों को देखते हुए चिंतित है कि Q* को कॉमर्शियलाइज करने से बड़े खतरे पैदा हो सकते हैं। ये दुनिया को बर्बाद कर सकता है अगर गलत हाथों में जाता है।
यहां तक कि अगर कोई इसे अच्छे मन से भी इस्तेमाल करता है, इसके निर्णय इंसानियत से भी बाहर हो सकते हैं। इसलिए ऐसी टेक्नोलॉजी को लाने से पहले मजबूत सेफ्टी और एथिक्स बनाना जरूरी है।