उत्तराखंड में नई दिशा की शुरुआत: होम्योपैथिक चिकित्सा(homeopathic medicine) के क्षेत्र में पहला सरकारी मेडिकल कॉलेज

केंद्र सरकार ने राज्य में पहले सरकारी होम्योपैथिक मेडिकल(homeopathic medicine.)कॉलेज की स्थापना को मंजूरी दी है। इस निर्णय से यह एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे उत्तराखंड के युवाओं को उनके अपने राज्य में होम्योपैथिक शिक्षा का अवसर मिलेगा, इसे इस तरह की पढ़ाई के लिए पड़ोसी राज्यों की ओर जाने की आवश्यकता को समाप्त करते हुए
अब तक उत्तराखंड के इच्छुक होम्योपैथिक डॉक्टर्स को उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, और चंडीगढ़ जैसे राज्यों में शिक्षा प्राप्त करनी पड़ती थी। राज्य में सरकारी होम्योपैथिक कॉलेज की कमी ने इसे बहुतंत्री कर दिया था। हालांकि, हाल ही में केंद्र सरकार के अनुमोदन से उत्तराखंड अब अपने ही सरकारी होम्योपैथिक मेडिकल(homeopathic medicine) कॉलेज की स्थापना के कगार पर है।
उत्तराखंड सरकार राज्य को एक आयुष (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, और होम्योपैथी) हब के रूप में देखती है, और होम्योपैथिक मेडिकल(homeopathic medicine) कॉलेज की स्थापना इस कल्पना के साथ मेल खाती है। होम्योपैथिक उपचार पद्धतियों में बढ़ते विश्वास के साथ, नए कॉलेज की स्थापना स्थानीय होम्योपैथिक स्वास्थ्य पेशेवरों की मांग को पूरा करने के लिए उम्मीद है।
प्रदेश में 1100 homeopathic Doctor पंजीकृत
homeopathic medicine बोर्ड में वर्तमान में 1100 सरकारी व निजी डॉक्टर पंजीकृत है। इसके अलावा होम्योपैथिक विभाग के अधीन 150 से अधिक डिस्पेंसरी संचालित हैं। जिनके माध्यम से लोगों को होम्योपैथी चिकित्सा उपलब्ध हो रही है।

वर्तमान में, राज्य में एक निजी होम्योपैथिक कॉलेज है जिसमें 50 सीटें हैं। सरकारी होम्योपैथिक मेडिकल (homeopathic medicine)कॉलेज के लिए प्रस्तुति को केंद्र सरकार से मिल गई है, और अगला कदम संस्थान के लिए उपयुक्त जगह की पहचान में है। संकेत है कि कॉलेज को उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के हरवाला कैम्पस के अंदर स्थित किया जा सकता है। ये भी पढ़ें….प्रधानमंत्री मोदी की उत्तराखंड में जनसभाएं: लोकसभा चुनावी रणनीति और रोडमैप
सीताराम ग्रुप ने चंपावत, कुमार ग्रुप ने नैनीताल के भवाली और ग्लोबल ग्रुप ने भी राज्य में आयुष ग्राम बनाने का सरकार को प्रस्ताव दिया है। इसके लिए जमीन चयनित करने की प्रक्रिया चल रही है। वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दौरान आयुष क्षेत्र में 20 हजार करोड़ के निवेश एमओयू हुए थे। इसमें अब तक 33 प्रस्तावों पर 375 करोड़ की ग्राउंडिंग हो चुकी है।
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