आज है गुप्त नवरात्रि का पहला दिन गुप्त नवरात्रि का पहला दिन माता कालिके को होता है समर्पित
जानें गुप्त नवरात्रि पूजा विधि और मंत्र(Magh Gupt Navratri Pooja Vidhi)
माता कालिके को गुप्त नवरात्रि के पहले दिन पूजा जाता है। माता कालिके को मां जगदंबा का महामाया रूप भी कहा जाता है। इस दिन मां कालिके की पूजा पूरी तरह से करें। इससे आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी और परेशानियां दूर होंगी।
माता कालिके (Mata Kalika)
पौराणिक कथाओं में माता कालिके एक भयानक, अंधेरे और श्मशान की देवी हैं। त्रिशूल और तलवार उनके दो प्रमुख हथियार हैं। सप्ताह में शुक्रवार को माता कालिके का पूजन किया जाता है। माता कालिके के चार और नाम हैं। श्मशान काली, दक्षिणा काली, मातृ काली और महाकाली के चार रूप हैं। माता कालिके ने महिषासुर, चंड, मुंड, रक्तबीज, धम्राक्ष, शुम्भ और निशुम्भ सहित कई राक्षसों को मार डाला था। बंगाल और असम में माता कालिका की ज्यादातर पूजा की जाती है। मार्कण्डेय पुराण और श्रीदुर्गा सप्तशती के अनुसार जगत जननी मां अम्बा ने माता कालिके को जन्म दिया था। लेकिन इनकी कुछ और कहानियां भी उपलब्ध हैं।
गुप्त नवरात्रि में पहला दिन माँ कालिके को समर्पित होता है। माँ कालिका दुर्गा की एक रूप हैं, जो अत्यंत शक्तिशाली और उग्र रूप में प्रतिष्ठित हैं। वे अध्यात्मिक साधना और शक्ति के प्रतीक मानी जाती हैं। इस दिन लोग माँ कालिके की पूजा और आराधना करते हैं, जिन्हें अग्नि और क्रोध की देवी माना जाता है। उन्हें शक्ति का प्रतीक माना जाता है जो बुराई और अधर्म को नष्ट करने की क्षमता रखती हैं।
माँ कालिके की पूजा के दौरान, लोग ध्यान केंद्रित करते हैं और उनके शक्तिशाली स्वरूप का ध्यान करते हैं। यह दिन आत्मविश्वास, साहस, और शक्ति का प्रतीक माना जाता है और लोग इस दिन ध्यान और मेधा को बढ़ाने के लिए उपासना करते हैं। इस दिन को मनाकर, लोग माँ कालिके की कृपा और आशीर्वाद का आशा करते हैं और अपने जीवन में समृद्धि और सफलता प्राप्त करने की कामना करते हैं।
माता कालिके की पूजा विधि (Mata Kali Pooja Vidhi)
- गुप्त नवरात्रि के पहले दिन माता कालिके की पूजा के लिए आम तौर पर सरल नियमों का पालन किया जाता है।
- माना जाता है कि माता की इस तरह की पूरी निष्ठा और सच्चे मन से पूजा करने के लिए सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना शुभ है।
- स्नान करने के बाद घी का दीपक जलाकर मां को फूल दें।
- मां काली को भोग में मिठाई, पंच मेवा, अक्षत, धूप, गंध, पुष्प और गुड़ चढ़ाएँ। इस पूजा में गुड़ बहुत महत्वपूर्ण है।
माता कालिके का साबर मंत्र (Mata Kali ka Sabar Mantra)
“ॐ नमो काली कंकाली महाकाली मुख सुन्दर जिह्वा वाली, चार वीर भैरों चौरासी, चार बत्ती पूजूं पान ए मिठाई, अब बोलो काली की दुहाई”
दैनिक 108 बार इस मंत्र का जाप करने वाले को धन लाभ मिलता है और धन से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं।
“ॐ कालिका खडग खप्पर लिए ठाड़ी ज्योति तेरी है निराली पीती भर भर रक्त की प्याली कर भक्तों की रखवाली ना करे रक्षा तो महाबली भैरव की दुहाई”
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस मंत्र के जप से शत्रु, भय और भूत-प्रेत भय से छुटकारा मिलता है. यह भी माना जाता है कि इस मंत्र से हर तरह के तांत्रिक प्रभाव आदि दूर हो जाते है और रोग-शोक के साथ शारीरिक और मानसिक दोष दूर होते हैं.