Chhath Puja 2023: क्यों अधिकांश महिलाएं ही छठ पूजा करती हैं? जानिए इस महापर्व की खासियत
छठ पूजा बिहार के लोगों की भावनाओं के साथ तो गहराई से जुड़ी हुई है ही, इसके साथ ही पूरे देश और विदेशों तक इस महापर्व की धूम दिखाई पड़ती है. शायद ही कोई हो जो छठ पर्व के बारे में न जानता हो, वहीं महिलाओं में इस व्रत को लेकर खासा उत्साह देखने को मिलता है.

छठ का महापर्व 17 नवंबर को नहाए खाए के साथ शुरू हो चुका है और आज 19 नवंबर को मुख्य अर्घ्य दिया गया. छट पूजा के दौरान घाटों पर हर तरफ सिंदूर की लंबी मांग भरे महिलाएं पूरी श्रद्धा के साथ छठी मैया की पूजा आराधना करती दिखाई देती हैं, वैसे तो छठ के व्रत में कोई पाबंदी नहीं है. सभी इसे मिलकर सेलिब्रेट करते हैं और महिला और पुरुष दोनों ही इस व्रत को कर सकते हैं. लेकिन अगर देखा जाए तो महिलाओं में छठ पर्व के व्रत रखने को लेकर ज्यादा उत्साह देखने को मिलता है और वह बहुत पहले से ही इसको लेकर तैयारियां शुरू कर देती हैं.
छठ पर्व क्यों मनाया जाता है?
छठ पर्व को लेकर कई पौराणिक कहानियां मिलती हैं. एक कथा के मुताबिक, पांडव जब अपना सारा राजपाट जुए में हार गए थे तब भगवान कृष्ण द्वारा बताए जाने पर इस व्रत को द्रोपदी ने किया था, वहीं एक अन्य पौराणिक कथा के मुताबिक, राजा प्रियव्रत और उनकी रानी को कोई संतान नहीं थी, जिसकी वजह से वह दुखी रहा करते थे. एक दिन उन्होंने महर्षि कश्यप से यज्ञ करवाया, जिसके फलस्वरूप रानी मालिनी ने पुत्र रत्न को जन्म दिया, परंतु वह मृत पैदा हुआ. इससे राजा इतने दुखी हो गए कि उन्होंने प्राण त्यागने का फैसला कर लिया. जिसके बाद माता षष्ठी प्रकट हुई और उन्होंने राजा से कहा तुम मेरी पूजा करो. जिसके बाद राजा ने विधि-विधान से माता षष्ठी का पूजन किया और उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई.



