INS Vikrant : King of the Indian Ocean 2024

आईएनएस विक्रांत(INS Vikrant)
आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) स्वदेशी तौर पर निर्मित भारत का पहला विमान वाहक पोत है। इसे बनाने का विचार सन् 1999 से चल रहा था।और कोचिन शिपयार्ड द्वारा 2009 में इसे बनाना शुरू किया गया। अगस्त 2013 में इसे लॉन्च किया गया, तथा दिसंबर 2020 में इसने बेसिन ट्रायल को पूर्ण किया। आईएनएस विक्रांत के समुद्री परीक्षण अगस्त से प्रारंभ हुए 2 सितंबर 2022 को विक्रांत की कमीशन सेरेमनी की गई। आईएनएस विक्रांत का नाम भारत के पहले विमानवाहक पोत विक्रांत के नाम पर रखा गया है। विक्रांत का संस्कृत में अर्थ “साहसी” होता है। आईएनएस विक्रांत का मोटो है “जयेम सं युधिस्पृध:” अर्थात मैं उन लोगों को हरा देता हूँ जो मेरे खिलाफ़ लड़ते हैं।
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क्यों खास है आईएनएस विक्रांत?

आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) को 20,000 (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर) करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) की लंबाई 262 मीटर, चौड़ाई 60 मीटर, ऊँचाई मीटर और ये दो फुटबॉल मैदान से बड़ा है तथा इसका वजन 45,000 टन है। आईएनएस विक्रांत में चार जनरल इलेक्ट्रिक एल एम 2500 गैस टरबाइन इंजन लगे हैं, जिससे इसे 88 मेगावॉट की क्षमता मिलती है। आईएनएस विक्रांत एक बार में 15,000 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। इसमें 15 मंजिल और 600 से ज्यादा कमरे हैं। इस युद्धपोत में 1700 सैनिक एक बार रह सकते हैं। महिला अधिकारियों के लिए इसमें अलग से कक्ष बनाए गए हैं।आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) के फ्लाइट डेक पर 30 लड़ाकू विमान एक साथ तैनात किए जा सकते हैं। समुद्र में इसकी अधिकतम गति 56 किलोमीटर (28 नोट) प्रति घंटा है। आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) में 15 बैड का हॉस्पिटल, आठ पावर जेनरेटर, एडवांस किचन की सुविधा है ।
विमानों को ले जाने की क्षमता
आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) मुख्य रूप से मिग 29 के, एलसीएच तेजस, एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर ध्रुव, कामोव के31, एम एच 60 आर रोमियो जैसे हेलीकॉप्टरों को ले जा सकता है।
सेंसर और प्रोसेसिंग सिस्टम
आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) में Elta EL/M-2248 MF-STAR AESA बहु क्रियाशील रडार, Selex RAN-40L 3D L-Band वायु निगरानी रडार लगाए गए हैं। आईएनएस विक्रांत में।डीआरडीओ द्वारा निर्मित शक्ति इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट, कवच एंटी मिसाइल सिस्ट, मारीच एडवांस टोरपेडो डिफेंस सिस्टम लगाए गए हैं।
हथियार
आईएनएस विक्रांत में जमीन से हवा में मार करने वाली बराक एट मिसाइल लगाई गई है, जिसकी रेंज 0.5 किलोमीटर से 100 किलोमीटर तक है तथा सतह से सतह में मार करने वाली स्वदेशी निर्मित सुपरसोनिक ब्रह्मोस को लगाया गया है, जिसकी रेंज 290 किलोमीटर है।