उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार हो रही है शीतकालीन चारधाम यात्रा
Uttarakhand historical Char Dham Yatra
देवभूमि कहलाने वाले उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन की पहल ऐतिहासिक है। मुख्यमंत्री धामी ने ऐसी अद्भुत यात्रा करने वाले पहले शंकराचार्य को नमन कर शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस ऐतिहासिक धार्मिक यात्रा से चारों धामों में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और श्रद्धालुओं को प्रेरणा मिलेगी।
उत्तराखंड क्रिसमस के जश्न में डूबा होगा, वहीं शंकराचार्य अपनी शीतकालीन तीर्थयात्रा में विश्व भर में भारतीय सनातन संस्कृति की रक्षा और शक्ति के प्रभाव को बताएंगे।
गर्मियों में गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ जैसे तीर्थस्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। विभिन्न तरीकों से प्रभु के दरबार पर आने वाले भक्तगण भी अपनी सुविधानुसार यात्रा का महीना और समय निर्धारित करते हैं। 27 दिसंबर, जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने 2023 के अंतिम चरण में पहली बार शीतकालीन तीर्थयात्रा की शुरुआत की है।
रविवार, 24 दिसंबर को, शंकराचार्य के प्रतिनिधियों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की और उन्हें इस यात्रा की विशिष्ट जानकारी दी। मुख्यमंत्री धामी ने 27 दिसंबर से शुरू होने वाली इस धार्मिक यात्रा को शुभकामनाएं दी हैं।
इस वर्ष के आखिरी दिनों में शुरू होने वाली यह यात्रा नववर्ष की शुरुआत में हरिद्वार पहुंचकर 2 जनवरी को समाप्त होगी। यह सिद्धांत भी है कि अंत ही आरम्भ और आरम्भ ही अंत है।