Agnivaan- India’s first 3D printed rocket engine
क्या है अग्निवाण
अग्निबाण, चेन्नई की एक स्टार्टअप कंपनी द्वारा बनाया गया दो चरणों वाला लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान है। जिससे छोटे उपग्रहों को अंतरिक्ष तक पहुँचाया जाये। जिसे अग्निकुल कॉसमॉस द्वारा 22 मार्च को भारत के पहले निजी लॉन्चपैड से लांच करना निर्धारित था परन्तु लॉच को स्थगित किया गया है तथा भविष्य की नयी लांच तिथि कोअग्निकुल कॉसमॉस द्वारा निर्धारित किया जायेगा।
क्यों खास है ? अग्निवाण
अग्निबाण के लिए अग्निकुल कॉसमॉस ने भारत का पहला ३डी मुद्रित सेमि क्रायोजनिक इंजन बनाया है। इस इंजन को ३डी तकनीक की मदद से केवल एक टुकड़े के रूप में बनाया गया है। अग्निकुल कॉसमॉसने इस इंजन का परिक्षण फ़रवरी 2021 में किया था। अग्निबाण विमानन ईंधन व केरोसिन से चल सकता है, अग्निबाण की लम्बाई 18 मीटर व व्यास 1.3 मीटर है। इसका वजन 14000 किलोग्राम है जो अपने साथ 100 के वजन को 700 किलोमीटर अंतरिक्ष तक ले जा सकता है। प्रथम चरण में 4/5/6/7 अग्निलेट राकेट को 140 किलो न्यूटन की ऊर्जा देते है तथा दूसरे चरण में केवल एक अग्निलेट 25 किलो न्यूटन की ऊर्जा देता है।
अग्निवाण भारत को अंतरिक्ष में एक नए आयाम तक लेके जायेगा। अग्निकुल कॉसमॉस का लक्ष्य अंतिरिक्ष के क्षेत्र भारतीय निजी क्षेत्र का लोहा मनवाना तथा आर्थिक लाभ कामना है।
अग्निकुल कॉसमॉस -अन्य कथन
अग्निकुल कॉसमॉस का निर्माण सन 2017 में श्रीनाथ रविचंद्रन, मोईन एसपीएम और आई आई टी मद्रास के प्रोफेसर एसआर चक्रवर्ती ने किया था।अग्निकुल कॉसमॉस का मुख्यालय राष्ट्रीय दहन अनुशंधान एवं विकास केंद्र, आई आई टी मद्रास, चेन्नई, तमिलनाडु में है।अग्निकुल कॉसमॉस वाणिज्यिक लॉच में अपनी सेवाएं देगा।अग्निकुल कॉसमॉस ने जिसने देश अक पहला निजी लॉन्चपैड इसरो के श्रीहरिकोटा स्टेशन के पास बनाया है, जिसके लिए अग्निकुल ने इसरो के साथ समझौता किया है।
अग्निकुल कॉसमॉस में आनंद महिंद्रा ने 80 करोड़ का निवेश किये है।