Uttarakhand News: अब प्रत्येक वार्ड में होंगे निराश्रित कुत्तों के भोजन स्थल, इच्छुक व्यक्ति आवेदन कर सकेंगे गोद लेने के लिए
सार
नगर के हर वार्ड में निराश्रित कुत्तों की संख्या और उनके रहने के क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए विशेष भोजन स्थलों की व्यवस्था की जाएगी। अब इच्छुक लोग नगर निकाय में आवेदन देकर ऐसे कुत्तों को गोद लेने का अवसर पा सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत शहरी विकास विभाग ने यह नई व्यवस्था प्रदेश के सभी नगर निकायों में लागू की है।

विस्तार
अब शहरों में आवारा या निराश्रित कुत्तों के लिए हर वार्ड में समर्पित भोजन स्थल बनाए जाएंगे। कोई भी इच्छुक व्यक्ति इन कुत्तों को गोद ले सकेगा, लेकिन इसके लिए संबंधित नगर निगम, नगर पालिका या नगर पंचायत में आवेदन करना आवश्यक होगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद शहरी विकास विभाग ने सभी शहरी निकायों के लिए इस संबंध में विस्तृत नियमावली जारी कर दी है, ताकि आवारा कुत्तों की देखभाल और नियंत्रण व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 22 अगस्त को निराश्रित कुत्तों से संबंधित आदेश जारी किए जाने के बाद शासन ने अब उस पर अमल करते हुए आवश्यक नियमावली जारी की है। इस संबंध में अपर सचिव संतोष बडोनी की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं, जिन्हें निदेशक शहरी विकास, सभी नगर निगमों के नगर आयुक्तों तथा नगर पालिका और नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों को भेजा गया है। इन निर्देशों का उद्देश्य कोर्ट के आदेशों के अनुरूप निराश्रित कुत्तों के प्रबंधन और देखभाल की व्यवस्था को लागू करना है।
निराश्रित कुत्तों के लिए ये होंगे नियम
प्रत्येक नगर वार्ड में निराश्रित कुत्तों की संख्या और उनके क्षेत्रीय वितरण को ध्यान में रखते हुए समर्पित भोजन स्थल निर्धारित किए जाएंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भोजन स्थल पर्याप्त संख्या में हों ताकि कुत्ते अपने क्षेत्र से बाहर न जाएं। इन स्थलों का चयन ऐसे क्षेत्रों में किया जाएगा जहां बच्चों और बुजुर्गों की आवाजाही कम हो, जिससे किसी प्रकार की असुविधा या जोखिम न उत्पन्न हो।
कुत्तों को केवल निर्धारित भोजन स्थलों पर ही भोजन कराया जा सकेगा। इन स्थानों पर स्पष्ट सूचना पट्ट लगाए जाएंगे, जिन पर यह निर्देश होगा कि कुत्तों को अन्यत्र भोजन देना प्रतिबंधित है। यदि कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन कर अन्य स्थानों पर कुत्तों को भोजन कराता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
नगर निकायों को भोजन स्थलों की जानकारी आम जनता तक पहुंचाने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाने होंगे। साथ ही, कुत्तों से संबंधित शिकायतों के समाधान के लिए समर्पित हेल्पलाइन भी जारी की जाएगी। जब तक यह हेल्पलाइन शुरू नहीं होती, तब तक शिकायतें मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1905 पर दर्ज कराई जा सकती हैं।
पशु संरक्षक इन भोजन स्थलों पर निराश्रित कुत्तों को भोजन और जल उपलब्ध करा सकेंगे। हालांकि, उन्हें यहां स्वच्छता बनाए रखने और खाद्य अपशिष्ट के निस्तारण की जिम्मेदारी भी निभानी होगी।
कुत्ता प्रेमी व्यक्ति इन निराश्रित कुत्तों को गोद भी ले सकते हैं। इसके लिए संबंधित नगर निकाय में आवेदन करना आवश्यक होगा। गोद लिए गए कुत्ते को चिह्नित कर विधिवत अनुमति प्रदान की जाएगी, और एक बार गोद लेने के बाद उस कुत्ते को दोबारा छोड़ा नहीं जा सकेगा।
रैबीज से संक्रमित या हिंसक प्रवृत्ति वाले कुत्तों को एबीसी या डॉग केयर सेंटर में निगरानी में रखा जाएगा। वहीं सामान्य स्वभाव वाले कुत्तों का बधियाकरण और एंटी रैबीज टीकाकरण करवाकर उन्हें पुनः उनके क्षेत्र में छोड़ा जाएगा।
कुत्तों को पकड़ने का कार्य प्रशिक्षित डॉग हैंडलरों द्वारा ही किया जाएगा। इसके लिए उन्हें उचित प्रशिक्षण देना नगर निकायों की जिम्मेदारी होगी।
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