PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट “बदरीनाथ महायोजना” पर लगा ब्रेक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट “बदरीनाथ महायोजना” के तहत चल रहे रिवर फ्रंट के निर्माण कार्य को फिलहाल रोक दिया गया है।
यह निर्णय लागत बढ़ने, डिजाइन में बदलाव और अलकनंदा नदी के प्राकृतिक प्रवाह पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर उठी चिंताओं के कारण लिया गया है।
अब तक इस योजना पर करीब 200 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के विशेषज्ञ दल वर्तमान में अलकनंदा के मूल स्वरूप और तप्त कुंड के जल स्रोत पर संभावित प्रभावों का अध्ययन कर रहे हैं। माना जा रहा है कि मौजूदा निर्माण से तप्त कुंड के गरम पानी के प्रवाह की दिशा बदल सकती है, जिससे धार्मिक महत्व के स्थलों को नुकसान पहुंचने की आशंका है।
रिवर फ्रंट का काम बदरीनाथ मंदिर के नीचे तप्त कुंड से लेकर ब्रह्मकपाल तीर्थ तक चल रहा था। मानसून के दौरान पुरानी सुरक्षा दीवार टूटने और क्षेत्र में पानी भर जाने के बाद लोक निर्माण विभाग ने एहतियातन काम रोक दिया। अब इस परियोजना को “रिवर फ्रंट-2” नाम से पीएमओ को भेजा गया है, ताकि नई कार्ययोजना तैयार होने के बाद ही आगे का काम शुरू किया जा सके।
परियोजना प्रबंधक योगेश मनराल के अनुसार, विशेषज्ञ दल यह सुनिश्चित कर रहा है कि नारद कुंड, नारद शिला और अन्य धार्मिक स्थलों की सुरक्षा प्रभावित न हो। उनका कहना है कि अलकनंदा के प्राकृतिक प्रवाह से कोई छेड़छाड़ नहीं की जा रही है।
बदरीनाथ महायोजना का खाका वर्ष 2014 में तैयार किया गया था और इसका कार्यान्वयन 2022 में शुरू हुआ। पहले चरण में सड़क चौड़ीकरण, एराइवल प्लाजा, सिविक सेंटर और झीलों का सौंदर्यीकरण पूरा किया गया था।
दूसरे चरण में रिवर फ्रंट, अस्पताल और लूप रोड का निर्माण शामिल है। लगभग 400 करोड़ रुपये की लागत वाली इस योजना में से आधा बजट पहले ही खर्च हो चुका है।
अंतिम चरण में मंदिर के आसपास 75 मीटर के दायरे में सौंदर्यीकरण किया जाएगा, जिसके लिए 72 भवनों को हटाया जाना है, हालांकि अब तक 22 भवन स्वामी अपने मकान खाली नहीं कर पाए हैं।