देहरादून का ये स्कूल बना बच्चों की मजबूरी, एक ही कमरे में पढ़ाई, रसोई और आंगनबाड़ी!
एक ही कमरे में कक्षाएं और रसोई
स्कूल का पूरा सिस्टम अब एक ही छोटे कमरे में सिमट गया है। पहली से पांचवीं तक के बच्चे, आंगनबाड़ी के छोटे बच्चे, एक शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मिड-डे मील बनाने वाली भोजनमाता सब इसी कमरे में रहते हैं। रसोई का सामान और खाने का इंतज़ाम भी इसी के एक कोने में रखा गया है। ये नजारा किसी दूर-दराज़ के पहाड़ी गांव का नहीं, बल्कि राजधानी देहरादून के विकासनगर का है। प्राथमिक विद्यालय जाखन में रोज़ पांचों कक्षाएं एक साथ चलती हैं। गर्मी और घुटन से बच्चे अक्सर बीमार पड़ जाते हैं, लेकिन स्कूल चलाना ही मजबूरी है।
दो साल पहले ढह गया था स्कूल भवन
अगस्त 2023 में आए भूस्खलन में इस स्कूल का भवन पूरी तरह टूट गया था।
इसके बाद बच्चों को पास के खुलेत आंगनबाड़ी केंद्र में शिफ्ट किया गया।
लेकिन वहां बैठने की जगह भी बहुत कम है। इसी छोटे कमरे में बच्चों को मिड-डे मील भी दिया जाता है।
बच्चों और शिक्षकों दोनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
ना बिजली, ना पानी, ना शौचालय की सुविधा!
स्कूल में शौचालय, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं बिल्कुल नहीं हैं।
कुर्सील, कोईराड़ा और जाखन गांवों के बच्चे यहां पढ़ने आते हैं।
शौचालय न होने की वजह से बच्चों को जरूरत पड़ने पर घर वापस जाना पड़ता है।
इस स्थिति से बच्चों की पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ रहा है।