धान से लदी 200 ट्रालियां फंसी मंडी में – पोर्टल बंद होने से भड़के उत्तराखंड के किसान!

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संक्षेप:

उत्तराखंड में धान खरीद पोर्टल कई दिनों से बंद है, जिसकी वजह से मंडियों में धान की तौल पूरी तरह रुक गई है। किसानों की दो सौ से ज्यादा ट्रालियां धान से भरी खड़ी हैं। खुले में धान पड़ा रहने से उसके खराब होने का डर बढ़ गया है। परेशान किसान सरकार से पोर्टल चालू करने की मांग कर रहे हैं, ताकि तौल का काम दोबारा शुरू हो सके।

धान की तौल ठप, किसानों में बढ़ा आक्रोश

बाजपुर की अनाज मंडी में इन दिनों किसानों में गुस्सा साफ नजर आ रहा है।
कई दिनों से पोर्टल बंद रहने के कारण किसान अपनी फसल बेच नहीं पा रहे हैं।
तौल बंद होने से मंडी में ट्रालियों की लंबी कतारें लग गई हैं। किसानों ने मंडी परिसर में जोरदार विरोध जताया और अधिकारियों से तुरंत समाधान की मांग की।

एसडीएम ने सुनी किसानों की बात

स्थिति को देखते हुए एसडीएम डॉ. अमृता शर्मा मंडी पहुंचीं और किसानों की समस्याएं सुनीं।
उन्होंने आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाएंगी ताकि जल्द समाधान निकले।
किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम दो सूत्रीय ज्ञापन भी एसडीएम को सौंपा, जिसमें पोर्टल को जल्द चालू करने और तौल की गति बढ़ाने की मांग की गई।

किसानों का रोष और चेतावनी

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा की अगुवाई में बड़ी संख्या में किसान अनाज मंडी में इकट्ठा हुए।
उन्होंने कहा कि आरएफसी के सरकारी क्रय केंद्रों पर तौल बहुत धीमी हो रही है और सहकारी समितियों के केंद्र तो पूरी तरह बंद हैं। इस वजह से किसान अपनी उपज लेकर कई दिनों से मंडी में इंतज़ार कर रहे हैं। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द पोर्टल नहीं खुला, तो वे भगत सिंह चौक पर धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

सरकारी व्यवस्था पर सवाल

किसानों का कहना है कि प्रशासन को बार-बार सूचित करने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।
आरएफसी केंद्रों पर न तो अतिरिक्त कांटे लगाए गए हैं, न ही तौल की प्रक्रिया तेज की गई है।
इस वजह से दो सौ से भी अधिक ट्रालियां धान से लदी मंडी में खड़ी हैं और किसान बेहद परेशान हैं।

ज्ञापन में रखी गई ये मांगे

किसानों ने मुख्यमंत्री से पोर्टल को जल्द शुरू करने के अलावा धान खरीद प्रक्रिया को सुचारू करने और गन्ने का समर्थन मूल्य 500 रुपये प्रति क्विंटल करने की भी मांग की है। एसडीएम ने बताया कि शासन स्तर पर इस मुद्दे पर बातचीत चल रही है और उम्मीद है कि जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा।

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