उत्तराखंड में 3,300 करोड़ रुपये की शारदा कॉरिडोर परियोजना का शुभारंभ, क्षेत्र बनेगा आस्था और विकास का संगम
sharda project

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की महत्वाकांक्षी 3,300 करोड़ रुपये की शारदा कॉरिडोर परियोजना के पहले चरण की शुरुआत की है। इस परियोजना का उद्देश्य सीमांत क्षेत्र को धर्म, संस्कृति, पर्यटन और पारिस्थितिकी का केंद्र बनाना है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 185 करोड़ रुपये की लागत वाले पहले चरण का उद्घाटन शुक्रवार को किया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मंगलवार (28 अक्टूबर) को परियोजना की समीक्षा बैठक की।
200 वर्ग किलोमीटर में फैलेगा विकास क्षेत्र
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, इस परियोजना के तहत लगभग 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को एक सांस्कृतिक, धार्मिक और पर्यावरणीय आकर्षण वाला जीवंत क्षेत्र बनाया जाएगा।
इस योजना के अंतर्गत चंपावत जिले में कुल 38 प्रमुख परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। इनमें शामिल हैं —
- शारदा घाट का पुनर्विकास
- रंकोची माता मंदिर का जीर्णोद्धार
- बनबसा में हेलीपोर्ट और अंतरराष्ट्रीय सीमा बाजार का विकास
- माउंटेन बाइक ट्रेल का निर्माण
- श्रद्धा पथ नदी तट का सौंदर्यीकरण
- एयरो स्पोर्ट्स सुविधाओं की स्थापना
मुख्यमंत्री ने बताया विज़न
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य बनबसा से लेकर माता रंकोची तक फैली घाटी को “धर्म, प्रकृति और आजीविका का संगम” बनाना है।
उन्होंने कहा, “यह भूमि अब केवल आस्था का केंद्र नहीं रहेगी, बल्कि यहां के लोगों के लिए आर्थिक समृद्धि और अवसरों की नई धारा भी प्रवाहित करेगी।”
मुख्य परियोजनाएं और बजट
- शारदा घाट पुनर्विकास परियोजना (₹185.20 करोड़): नदी तट को स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण-संवेदनशील जोन के रूप में विकसित किया जाएगा।
- किरोड़ा नाला पारिस्थितिक गलियारा (₹109.57 करोड़): क्षेत्र की जैव विविधता की रक्षा और आपदा प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने पर केंद्रित।
- शहरी जल निकासी योजना (₹62 करोड़): चंपावत क्षेत्र में जल निकासी प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए कार्य जारी है।
क्रियान्वयन और संचालन
परियोजना के लिए भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया वन विभाग के समन्वय से चल रही है। संपूर्ण कार्य का क्रियान्वयन उत्तराखंड अवसंरचना एवं औद्योगिक विकास बोर्ड (UDIIDA) द्वारा किया जाएगा।
इको-टूरिज्म और वेडिंग डेस्टिनेशन की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि सरकार इस क्षेत्र को इको-टूरिज्म और डेस्टिनेशन वेडिंग हब के रूप में भी विकसित करने पर काम कर रही है। इससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और व्यवसाय के अवसर बढ़ेंगे तथा सीमांत इलाकों की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।



