धामी सरकार ने भ्रष्टाचार पर जमकर वार किया है! पिछले तीन सालों में, 789 ऐसे लोगों को पकड़ा गया है|

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। पिछले तीन सालों में सतर्कता विभाग ने 78 भ्रष्ट अधिकारियों समेत कुल 27 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। सरकार ने ‘सतर्कता – हमारी साझा जिम्मेदारी’ थीम के तहत जागरूकता अभियान भी शुरू किया है, ताकि भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके। मुख्यमंत्री धामी ने साफ कहा है कि भ्रष्टाचार के मामलों में सरकार की नीति जीरो टॉलरेंस की है और इस पर किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार सख्त रुख अपनाए हुए है। पिछले तीन वर्षों में सतर्कता विभाग ने 78 भ्रष्ट अधिकारियों सहित 27 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
अब सरकार इस अभियान को जनभागीदारी से जोड़ते हुए ‘सतर्कता – हमारी साझा जिम्मेदारी’ थीम पर जागरूकता अभियान के रूप में आगे बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री धामी ने इस अभियान का शुभारंभ किया और अधिकारियों को ईमानदारी व पारदर्शिता की शपथ दिलाई। यह अभियान 9 नवंबर तक पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा।
सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में भ्रष्टाचार के खिलाफ जनजागरूकता अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। राज्य गठन से अब तक सतर्कता विभाग 339 भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार कर चुका है, जबकि पिछले तीन वर्षों में 78 भ्रष्टाचारियों समेत 27 से अधिक लोगों को सलाखों के पीछे भेजा गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि शासन व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए टोल फ्री नंबर 1064 शुरू किया गया है। इस नंबर पर मिली 62 शिकायतों पर ट्रैप की कार्रवाई की गई है, जबकि चार मामलों में खुली जांच चल रही है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा—जो भी भ्रष्टाचार करेगा, उसे जेल जाना होगा। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों से इस जागरूकता अभियान को व्यापक स्तर पर प्रसारित करने की अपील भी की।
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि समाज और प्रशासन को मजबूत बनाने के लिए सभी कर्मचारियों में ईमानदारी, सत्यनिष्ठा और अनुशासन का भाव जरूरी है। जब कार्य के प्रति अनुशासन होता है, तो भ्रष्टाचार अपने आप खत्म हो जाता है।
कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, प्रमुख सचिव एल. फैनई, निदेशक सतर्कता वी. मुरुगेशन सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।



