Brahmos- World’s 1st Best Supersonic Cruise Missle
Table of Contents
ब्रह्मोस (Brahmos) का विकास
ब्रह्मोस (Brahmos) दुनिया की सबसे तेज गति से चलने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। जिसे भारत व रूस ने मिलकर बनाया है। ब्रह्मोस का नाम भारत व रूस की दो नदियों के नाम पर रखा गया है। भारत की ब्रह्मपुत्र व रूस की मस्कवा नदी शामिल है। ब्रह्मोस का पहला सफल परीक्षण 12 जून 2001 को इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज चांदीपुर से वर्टिकल लॉन्च से किया गया। ब्रह्मोस का दूसरा टेस्ट 14 जून को मोबाइल लांचर से किया गया। नवंबर 2005 में ब्रह्मोस को भारतीय सेना में शामिल किया गया। वर्तमान में भारत की तीनों सेनाएं ब्रह्मोस का इस्तेमाल करती है।
ब्रह्मोस (Brahmos) को भारत के डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन व रूस के NPO Mashinostroyeniya ने साझा तौर पर विकसित किया है। ब्रह्मोस को रूस की P 800 Oniksमिसाइल के तर्ज पर बनाया गया है।
लागत
ब्रह्मोस (Brahmos) के एक यूनिट की लागत 3.5 मिलियन यूएस डॉलर है। वह ब्रह्मोस AR की लागत 4.85 मिलियन यूएस डॉलर है।
विवरण
ब्रह्मोस का वजन 3000 किलोग्राम है । वह लड़ाकू विमान से दागे जाने वाली ब्रह्मोस का वजन 2500 किलोग्राम है । इसकी लंबाई 8.5 मीटर ब्यास 0.6 मीटर है ।
रफ़्तार
ब्रह्मोस की अधिकतम रफ्तार 2.8 माक से3.0 माक है। अर्थात ब्रह्मोस की रफ्तार ध्वनि की रफ्तार से तीन गुना अधिक है।
मारक क्षमता
ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 290 से 500 किलोमीटर है। और यह 300 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री अपने साथ दे जा सकता है।
इंजन
ब्रह्मोस (Brahmos) में दो स्टेज वाले इंजन का प्रयोग किया गया है । पहले स्टेज में सॉलिड रॉकेट बूस्टर व दूसरी स्टेज में लिक्विड रॉकेट रैमजेट इंजन का प्रयोग किया गया है।
ब्रह्मोस की विशेषताएं
ब्रह्मोस समुद्र तल से 10 मीटर की उंचाई पर उड़ान भर सकती है जिससे यह रडार के पकड़ में नहीं आ पाती ।
ब्रह्मोस में रैमजेट इंजनों का प्रयोग किया गया है, जिससे इसकी रफ्तार सुपरसोनिक हो जाती है।
ब्रह्मोस को जमीन, लड़ाकू विमान, समुद्री विध्वंस व सबमरीन से दागा जा सकता है।
ब्रह्मोस की भेदन समता एक मीटर है अर्थात यह टारगेट के एक मीटर के दायरे में हमला करती है।
निर्यात
भारत व फिलीपींस के बीच जनवरी 2022 में ब्रह्मोस के निर्यात के लिये 375 मिलियन यूएस डॉलर की डील पर हस्ताक्षर किए।
ब्रह्मोस के प्रकार
ब्रह्मोस (Brahmos) मार्क 2
ब्रह्मोस एरोस्पेस ब्रह्मोस मार्क 2 को विकसित कर रहा है जो एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल होगा, जिसकी रफ्तार 5 माक अर्थात ध्वनि की रफ्तार से पांच गुना अधिक होगी।
ब्रह्मोस (Brahmos) NG
ब्रह्मोस (Brahmos) NG को भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों के लिए विकसित किया जा रहा है। जो वर्तमान में सेवारत ब्रह्मोस से काफी हल्की होगी।
बार बार पूछे जाने वाले सवाल –
क्या ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल है ?
ब्रह्मोस (Brahmos) दुनिया की सबसे तेज गति से चलने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, ब्रह्मोस की अधिकतम रफ्तार 2.8 माक से3.0 माक है। अर्थात ब्रह्मोस की रफ्तार ध्वनि की रफ्तार से तीन गुना अधिक है।
ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता कितनी है ?
ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 290 से 500 किलोमीटर है।
भारत ने ब्रह्मोस का निर्यात किन देशो को किया ?
भारत व फिलीपींस के बीच जनवरी 2022 में ब्रह्मोस के निर्यात के लिये 375 मिलियन यूएस डॉलर की डील पर हस्ताक्षर किए।