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INS Arihant- 1st indigenous nuclear submarine of Indian Navy

आईएनएस अरिहंत का विकास

आईएनएस अरिहंत (INS Arihant) भारत की पहली स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी है। अरिहंत एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है शत्रुओं को परास्त करने वाला। इसे बनाने की योजना सन् 1970 के दशक से चल रही थी। 1970 में बार्क व डीआरडीओ ने इस पर काम शुरू किया। 1984 में एडवांस टेक्नोलॉजी वेसल (ATV) प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया। 1998 में लार्सन एंड टूब्रो ने पनडुब्बी बनाना शुरू किया । आईएनएस अरिहंत को बनाने में शिपबिल्डिंग सेंटर को करीब 11 साल लग गए।

कारगिल युद्ध की समाप्ति के 10 साल पूर्ण होने के अवसर पर इसे 26 जुलाई 2009 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर ने जनता के सामने पेश किया। 13 दिसंबर 2014 से इसके समुद्री प्रशिक्षण शुरू किए गए। अगस्त 2016 को इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। स्वदेशी परमाणु  पनडुब्बी वाला भारत दुनिया का छठवां देश बना। भारत से पहले अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस व चीन परमाणु पनडुब्बी बना चुकें हैं।

INS Arihant induction ceremony

विशेषताएं

INS Arihant की संरचना

आईएनएस अरिहंत का वजन 6000 टन लंबाई 111मीटर, चौड़ाई 15 मीटर वऊँचाई 11 मीटर है। आईएनएस अरिहंत में ऊर्जा के लिए परमाणु रिएक्टर को लगाया गया है जो 83 मेगावॉट की ऊर्जा उत्पन्न करता है। पानी के अंदर इसकी गति, 24 नोट (44KM/H) व सतह पर 15 नोट (28KM/H)  है। परमाणु रिएक्टर होने के कारण इसकी रेंज असीमित है। खाद्य की अपूर्ति को छोड़कर सतह पर आने की आवश्यकता नहीं होती। आईएनएस अरिहंत में एक समय पर 95 से 100 नौसैनिक रह सकते हैं।

specification of INS Vikrant

हथियार

आईएनएस अरिहंत (INS Arihant) में चार उर्ध्वाधर लॉन्च ट्यूब है। जिसमे 12 K 15 मिसाइल या 4 K 4 मिसाइल लगाई जा सकती है। K 4 मिसाइल की रेंज 3500 किलोमीटर है। इसके अलावा समुद्री हमले के लिए इसमें टॉरपीडो लगाए गए हैं।

सेंसर और प्रोसेसिंग सिस्टम

आईएनएस अरिहंत (INS Arihant) में डीआरडीओ USHUS सोनार वा डीआरडी पंचेन्द्रिय एकीकृत सोनार, नियंत्रण प्रणाली और पानी के भीतर संचार प्रणाली स्थापित किए गए हैं।

क्यों खास है? आईएनएस अरिहंत

न्यूक्लियर रिएक्टर होने के कारण आईएनएस अरिहंत की रेंज असीमित हैं अर्थात बिना समुद्र तल पर आए बिना महीनों ये समुद्र के अंदर रह सकती है। तथा यह महीनों समुद्र के अंदर रहकर दुश्मन पर हजारों किलोमीटर दूर जाकर हमला कर सकती है। 

बार बार पूछे जाने वाले सवाल –

आईएनएस अरिहंत को भारतीय नौसेना में कब शामिल किया गया ?

अगस्त 2016 में आईएनएस अरिहंत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।

आईएनएस अरिहंत रेंज कितनी है ?

न्यूक्लियर रिएक्टर होने के कारण आईएनएस अरिहंत की रेंज असीमित है ।

आईएनएस अरिहंत का वजन कितना है ?

आईएनएस अरिहंत का वजन 6000 टन है ।

Virendra Panwar

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